SIT ने हनीट्रैप मामले से जुड़े साक्ष्यों की आयकर को भेजी पहली खेप

SIT ने हनीट्रैप मामले से जुड़े साक्ष्यों की आयकर को भेजी पहली खेप





भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) और आयकर विभाग के बीच समन्वय का सिलसिला शुरू हो गया। एसआईटी ने अपनी कार्रवाई के दौरान बरामद हुए साक्ष्यों की पहली खेप आयकर महकमे के हवाले कर दी है। इसमें ब्लैकमेलिंग कर वसूला गया कालाधन और बैंकों से हुए लेनदेन का ब्योरा भी शामिल बताया जाता है।


आयकर विभाग की याचिका के संदर्भ में हाईकोर्ट ने 20 जनवरी को 10 दिन के भीतर दस्तावेज सौंपने का आदेश दिया था। इसके बाद एसआईटी की ओर से यह पहल की गई है। हनीट्रैप की जांच कर रही एसआईटी ने हाल ही में वित्तीय लेनदेन से जुड़े कुछ साक्ष्य सौंप दिए हैं।


इन साक्ष्यों में ऑडियो-वीडियो क्लिप और अन्य डिजिटल साक्ष्य हैं कि नहीं अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन, सूत्रों का दावा है कि हनीट्रैप के दायरे में शामिल रसूखदारों की आर्थिक कुंडली की छानबीन अब आयकर विभाग अपने तरीके से शुरू करेगा।


हाईकोर्ट का आदेश आने के पहले ही मामले से जुड़ी तीनों महिलाओं श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और आरती दयाल को बारी-बारी से आयकर भवन बुलाकर विभाग लंबी पूछताछ कर चुका है। अब एसआईटी द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के परीक्षण के बाद उसकी अगली कार्रवाई सुनिश्चित होगी। एसआईटी अपनी छानबीन के बाद 16 दिसंबर को जिला कोर्ट में छह आरोपितों के खिलाफ चालान पेश कर चुकी है।


चालान में एक विधायक सहित कई अन्य रसूखदार लोगों के नाम सामने आ चुके हैं, आयकर विभाग उसे भेजे गए मौजूदा साक्ष्य, कोर्ट में पेश चालान और तीनों महिलाओं से हुई पूछताछ में मिली जानकारियों का तुलनात्मक परीक्षण भी करेगा। इसके साथ ही हनीट्रैप से जुड़े अन्य किरदारों से हुए वित्तीय लेनदेन का कच्चा चिट्ठा भी खंगाला जाएगा। लेनदेन की पुष्टि कराने इन सभी लोगों से पूछताछ का रास्ता भी खुल जाएगा।


उल्लेखनीय है कि विभाग को शिकायत थी कि उसे मामले में लाखों-करोड़ों रुपए के लेनदेन के संदर्भ में साक्ष्य नहीं मिल रहे जिस वजह से वह अपनी जांच आगे नहीं बढ़ा पा रहा। इस बारे में विभाग की ओर से दो-तीन बार एसआईटी को पत्र भेजकर आग्रह भी किया गया था। इसके बाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) की ओर से हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई।