सप्लाई का ऑर्डर इस माह एसआरएलएम काे दिया
एमपी एग्राे काे नहीं नए प्लांटों की शिफ्टिंग शुरू
भोपाल । फरवरी में होने वाले पोषण आहार सप्लाई का काम एमपी एग्रो की बजाए फिर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधीन राज्य आजीविका मिशन (एसआरएलएम) को दिया गया है। इस माह के अंत तक सात नए प्लांटों की शिफ्टिंग का काम पूरा हो जाता है तो मार्च के पोषण आहार सप्लाई का आर्डर एमपी एग्रो को दिया जाएगा। इसी को लेकर खाद्य एवं प्रसंस्करण विभाग के अपर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने महिला बाल विकास विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इसमें तय हुआ कि शिफ्टिंग को लेकर तमाम कागजी कार्यवाही सोमवार से ही प्रारंभ की जाए।
इस बीच फरवरी माह की जरूरत का 12000 टन पोषण आहार सप्लाई का आर्डर महिला एवं बाल विकास विभाग ने राज्य आजीविका मिशन को ही दे दिया। बताया जा रहा है कि मिशन ने पहले इस आर्डर को पूरा करने से यह कहकर मना कर दिया कि प्लांट के संचालन का काम तो एमपी एग्रो के पास चला गया है। इसलिए वे नहीं कर पाएंगे। बाद में सामने आया कि शिफ्टिंग अभी नहीं हो पाई। लिहाजा अब पोषण आहार सप्लाई का फरवरी का काम एसआरएलएम को ही करना होगा।
एक हजार टन की कमी न हो, इसके लिए दबाव सरकारी प्लांट पर
बैठक के दौरान बताया गया कि एसआरएलएम के पांच प्लांटों देवास, धार, होशंगाबाद, सागर और मंडला की क्षमता 10 हजार 600 टन की है। करीब 400 टन एमपी एग्रो का सरकारी प्लांट बनाता है। लिहाजा एक हजार टन की अतिरिक्त जरूरत का पोषण आहार सरकारी प्लांट से ही पूरा होगा। इकबाल सिंह बैंस ने इस संबंध में सभी अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है।
रीवा-शिवपुरी की समीक्षा
सात प्लांटों में से सिर्फ रीवा और शिवपुरी प्लांट का ही काम पूरा नहीं हुआ है। इनकी क्षमता 2500-2500 टन उत्पादन की है। इनके मार्च 2020 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद सात नए प्लांटों से ही कुल जरूरत का पोषण आहार तैयार हो जाएगा।