मुम्बई से आकर टॉप 30 गुरूकुलम का संचालक कर रहा है शिवपुरी के भविष्य के साथ खिलवाड़ 

मुम्बई से आकर टॉप 30 गुरूकुलम का संचालक कर रहा है शिवपुरी के भविष्य के साथ खिलवाड़


मुरैना। जिले से लगे ग्राम तरसमा में रहने वाले CRPF जवान मनोज सिंह तोमर 
2014 में छत्तीसगढ़ के सुकमा नक्सली मुठभेड़ में घायल हुए और पिछले चार साल से अपनी आंत पॉलीथीन में रखकर इलाज की आस लगाए भटक रहे हैं
देश की लिए अपनी जान दांव पर लगाने वाले आठ साल तक पीएम के एसपीजी कमांडो रहे एक ज़ख्मी जवान ने दिल को झकझोर देने वाला खुलासा किया है।
2014 में छत्तीसगढ़ के सुकमा नक्सली मुठभेड़ में घायल सीआरपीएफ़ के जवान मनोज सिंह तोमर पिछले चार साल से अपनी आंत पॉलीथीन में रखकर इलाज की आस लगाए भटक रहे हैं।


आँतें पॉलीथिन में रखकर जीने को मजबूर..........


घायल मनोज की जान तो बचा ली गई लेकिन वह सामान्य नहीं हो पाए उनकी आंते पेट से बाहर ही रहीं और एक आंख की रोशनी भी चली गई
मनोज पेट से बाहर निकली आंत पॉलीथिन में लपेटकर जीवन बिताने को मजबूर हैं।
दरअसल, मनोज मार्च 2014 में छत्तीसगढ़ की झीरम घाटी में नक्सली मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गए थे इस मुठभेड़ में मनोज के पेट में सात गोलियां लगीं थी उस हमले में 11 जवान शहीद हो गए थे सिर्फ मनोज ही हमले में बच सके।


मंत्रियों के बंगले के चक्कर काट-काट हुए परेशान........


मनोज का कहना है कि उस समय स्पॉट पर इलाज हो गया,लेकिन सही नहीं हो पाया आज हम अपना इलाज के लिए एम्स के चक्कर काट रहे हैं।
किसी मंत्री के बंगले के चक्कर काट रहे हैं कि हमारा इलाज करा दो सरकार से किसी प्रकार की कोई उम्मीद नहीं रही।


16 साल देश की सेवा का फल.........


16 साल तक सेना में रहकर देश की सेवा करने वाले मनोज सिंह तोमर अब बहुत दुखी हैं
क्योकि नक्सली हमले में घायल होने के बाद सरकार उनकी पूरी चिंता नहीं कर रही है।
मनोज सिंह तोमर का कहना है कि सरकार के ऐसे बर्ताव से ये महसूस होता है कि सरकार ज़्यादती कर रही है।