आरटीआई के तहत आवेदन के साथ किए जाने वाले शुल्क में 10% वृद्धि करने के प्रस्ताव की आरटीआई एक्टिविस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया ने आलोचना की
भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सूचना अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगने एवं अपील आदि पर दिए जाने वाले शुल्क में 10% वृद्धि करने के प्रस्ताव की आरटीआई एक्टिविस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया ने आलोचना करते हुए कमलनाथ सरकार पर आरटीआई कानून की हत्या का आरोप लगाया । कौंसिल अध्यक्ष सैयद ख़ालिद कैस एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि मध्य प्रदेश राज्य सूचना प्रकोष्ठ द्वारा आरटीआई के तहत आवेदन के साथ किए जाने वाले शुल्क को ₹10 के स्थान पर ₹100 और प्रथम अपील के ₹50 के स्थान पर ₹500 एवं दिव्तिय अपील के ₹100 के स्थान पर ₹1000 शुल्क करने का प्रस्ताव विधि विभाग को भेजा है । यदि वृद्धि हो जाती है तो निश्चित ही आरटीआई एक्ट के मूल उद्देश की हत्या होगी तथा आरटीआई के तहत जानकारी निकाल कर भ्रष्टाचार उजागर करना केवल धन वालों की बपौती बनकर रह जाएगा। सरकार का यह प्रस्ताव निदनीय है और वापसी योग्य है । यदि मध्य प्रदेश सरकार इसको वापस नहीं लेती है तो आरटीआई एक्टिविस्ट काउंसिल इसके विरूद्ध सड़कों पर आएगा।